हेल्दी होने के बजाय बीमार हो सकते हैं आप….ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम बढ़ा सकता है एंग्जाइटी

हेल्दी होने के बजाय बीमार हो सकते हैं आप….ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम बढ़ा सकता है एंग्जाइटी

<p style=”text-align: justify;”>बदलते दौर के साथ आज हेल्थ काफी इंपॉर्टेंट हो गई है. मार्केट में ज्यादातर खाने-पीने की चीजों में मिलावट हो रही है. ऐसे में क्या खाएं और क्या नहीं ये डिसाइड कर पाना भी मुश्किल है. इसी बीच लोग अपनी हेल्थ का ख्याल रखने के लिए एक्सरसाइज और रेगुलर मेडिकल चेकअप कराते हैं. लेकिन परेशानी तब आती है, जब कुछ लोग इन मेडिकल चेकअप को काफी सीरियस ले लेते हैं और हर छोटी चीज के लिए टेस्ट कराने लगते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, इस कंडीशन को ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम कहा जाता है. इसमें इंसान अपनी हेल्थ को लेकर ओवर कॉन्शियस हो जाता है और हर छोटी हेल्थ प्रॉब्लम पर टेस्ट कराने लगता है. इससे उसे काफी नुकसान भी होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है ये सिंड्रोम और क्यों है ये इतना खतरनाक.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>क्या ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम के बारे में जानते हैं आप?</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान बीमारी का इलाज करने के चक्कर में अपनी हेल्थ को और खराब कर लेता है. दरअसल, ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम से पीड़ित इंसान डॉक्टर्स की सलाह से ज्यादा भरोसा अपने टेस्ट रिजल्ट्स पर करने लगता है. उदाहरण के लिए इस सिंड्रोम से पीड़ित इंसान एक बार अपना शुगर टेस्ट कराने के दो दिन बाद ही फिर से यही टेस्ट परफॉर्म करता है और रिजल्ट्स में जरा सी भी फ्लेक्चुएशन दिखने पर तुरंत दूसरे डॉक्टर की सलाह लेने लगता है. साथ ही, दवाईयों से लेकर खाने-पीने की हर चीज में बदलाव कर देता है.&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>क्या हैं इसके साइड इफेक्ट्स?</h3>
<p style=”text-align: justify;”>ओवरटेस्टिंग सिंड्रोम के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं, जो पेशेंट के साथ-साथ आस पास के लोगों पर भी देखने को मिलते हैं. दरअसल, ओवरटेस्टिंग की वजह से होने वाला पहला साइड इफेक्ट है, एंग्जाइटी और डिप्रेशन. बार-बार टेस्ट कराने और बॉडी चेकअप कराने से इंसान एक हल्की सी छीक आने पर भी काफी परेशान हो जाता है और खुदको काफी बीमार समझने लगता है. साथ ही, इस बीमारी के चलते उसका खर्चा भी हो जाता है क्योंकि बार-बार टेस्ट कराने में अच्छे-खासे पैसे खर्च होते हैं. इसके अलावा कई टेस्ट थोड़े खतरनाक होते हैं. जैसे कि सीटी स्कैन और बायोप्सी. ऐसे में बार-बार ये टेस्ट कराने से शरीर को नुकसान होता है. इतना ही नहीं इसका एक साइड इफेक्ट ये भी है कि इंसान नैचुरली हेल्दी रहने के बजाय हेल्थकेयर सिस्टम और दवाइयों पर ज्यादा निर्भर हो जाता है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>

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